पुलिस फ़ोन को कैसे ट्रैक करती है? - Tech Dost Hindi

Tech Dost Hindi

Internet Ki Jankari, Hindi Me Help, Blogging Guide,Online Paise Kaise Kamaye ,Create Account Social Network, Google Adsense, Online Make Money,

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Wednesday, June 28, 2017

पुलिस फ़ोन को कैसे ट्रैक करती है?

हे दोस्तों! cellphone tracking के बारे में तो आपने सुना ही होगा। जैसा की आप movies या TV serials में देखते हैं की पुलिस किसी criminal को उसके फ़ोन नंबर से बड़ी ही आसानी से उसकी/उसके location का पता लगा लेती है।
और ऐसे में आप भी सोचते होंगे की यार ये पुलिस कैसे track कर लेती है कि किसी का cellphone कहाँ पर है। तो दोस्तों तो आज मैं आपके cellphone tracking से जुड़े सभी doubts clear कर दूंगा। तो आईये जानते हैं -

दोस्तों पुलिस cellphone track करने के लिए पुलिस Triangulation method को काम में लेती है।

जैसा की आप जानते होंगे की हम सभी के मोबाइल फ़ोन में जो SIM होती है वो network tower से connected होता है ऐसे में हमें signal strengths से दोनों के बीच में distance/range का एक अनुमान या अंदाजा लग जाता है।
अब ये अनुमान अलग अलग networks के लिए अलग अलग होती है जैसे अगर SIM 2G network  पर है तो उसकी range अलग होगी SIM अगर 3G या 4G नेटवर्क्स पर है तो उनकी range अलग-अलग होगी। 

अब पुलिस उस network provider (जैसे Airtel, Idea, Jio) को फ़ोन कर के पता करती है की Phone tower से कितनी दूरी  पर है।
अब मान लीजिये की पुलिस को पता चल गया की ये फ़ोन इस एक टावर से 100 मीटर की दुरी में है तो वो 100 मीटर की दुरी किस direction या दिशा में है ये नहीं पता चल पाएगा क्योंकि 100 मीटर की दुरी तो चारो तरफ कहीं भी हो सकती है। ऐसे में 1 टावर से तो sense बनता नहीं है। 
अब मान लीजिये police को पता चलता है की ये फ़ोन पहले टावर से 100 मीटर की दुरी पर है और दूसरे टावर से 200 मीटर की दुरी पर है। तो ऐसे में भी तब भी हमें कोई एक पॉइंट नहीं मिलेगा। ऐसे में कई सारे पॉइंट मिलेंगे जिनकी एक जैसी distance होगी। 
लेकिन दोस्तों अगर police के पास एक phone की 3 towers से distance पता लग जाये की ये फ़ोन 1 tower से 100 मीटर की दूरी पर दूसरे से 200 मीटर की और तीसरे से 300 मीटर की दुरी पर है तो दोस्तों ऐसे मेर केवल एक ही point मिलेगा जिनसे ये distance होंगी। ऐसे में हमारे पास एक fix range होगा जैसा की आप निचे image में देख सकते हैं। 

अब दोस्तों जैसा की मैंने आपको बताया की ये केवल एक range ये कोई exact (सटीक) point नहीं है। तो दोस्तों एसे मे police exact नही बता सकती कि phoneकहाँ पर है। 
For example पुलिस को पता चलता है कि फ़ोन एक ऐसे area में है जहाँ 15 flats हैं तो police exact नही बता सकती कि phone किस फ्लैट मे है।

दोस्तों ऐसा केवल movies में होता है। 


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages